अखिलेश यादव ने नहीं करेंगे नेताजी की तेरहवीं, ये है वजह.
इटावा: समाजवादी पार्टी के सरंक्षक मुलायम सिंह का लंबी बीमारी के बाद उनका निधन हो गया। मुलायम सिंह के पैतृक गांव में उनका अंतिम संस्कार किया गया। अंतिम संस्कार की सारी परंपरा उनके बेटे और समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यदाव ने निभाई। सैफई में बुधवार को शुद्ध संस्कार किया गया जिसमें परिवार के सभी लोगों ने भाग लिया। घर पुरुषों ने अपना सिर मुंडवाया। अब सिर्फ 11वें दिन हवन और श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया जाएगा। जानकारी के मुताबिक हरिद्वार में नेताजी की अस्थियों का विसर्जन किया जाएगा।
सैफई में नहीं होती तेरहवीं.
वैसे तो किसी की मृत्यु पर तेरहवीं पर ब्राह्मणों को भोजन करवाया जाता है। ब्राह्मणों के साथ-साथ घर के और रिश्तेदार भी भोजन करते हैं। लेकिन ये चलन सैफई के लोगों ने बहुत पहले ही बंद कर दिया था। सैफई के लोगों का मानना है कि एक तो इंसान अपनों को खोने के ग़म में होता है। इसके साथ उसपर आर्थिक बोझ पड़ता है।
अखिलेश ने किया सैफई के लोगों का सम्मान
मुलायम सिंह के परिवार को कोई आर्थिक समस्या नहीं है लेकिन अगर यादव परिवार तेरहवीं करेगा तो उनको देखकर ग़रीब आदमी भी करेगा। ऐसे में मुलायम सिंह के परिवार ने तेरहवीं नहीं करने का फैसला लिया। अखिलेश यादव ने सैफई की परंपरा निभाने का फैसला लिया है। समाजवादी पार्टी मुलायम सिंह को श्रद्धांजिल देने के लिए 21 अक्टूबर को उत्तर प्रदेश में एक कार्यक्रम का आयोजन करने जा रही है। प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल ने पार्टी के सभी नेता-विधायक-सांसद और कार्यकर्ताओं को एक पत्र भी जारी कर किया है। जानकारी के मुताबिक 11वें दिन नेताजी की अस्थियों को हरिद्वार ले जाया जाएगा।
सूर्य प्रताप शाही ने साझा किया पुराना किस्सा
यूपी के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही 13 अक्टूबर को सैफई पहुंच और नेताजी को श्रद्धांजलि दी। इस दौरान अखिलेश यादव और सूर्य प्रताप शाही काफी भावुक दिखे। शाही ने बताया कि अखिलेश यादव की शादी के लिए नेता जी ने उन्हें व्यक्तिगत तौर पर फोन करके बुलाया था। उन्होंने आगे कहा नेता जी ने हमेंशा ग़रीबों के हित के लिए काम किया।